Tuesday, June 22, 2010

FAMILY ASTROLOGER


डॉक्टर राय देते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए annual medical check-up करवाना चाहिए। इसका सबसे ब़डा फायदा यह है कि यदि शरीर में कोई बीमारी जन्म ले रही है तो विभिन्न जाँच आदि के मापदण्ड से उसे समय रहते पक़डा जा सकता है। इस प्रकार आप कोई ब़डी हानि होने से बचा सकते हैं। यदि blood pressure कुछ बढ़ा हुआ आए या cholestrol बढ़ा हुआ हो तो खानपान आदि के preventive measures अपनाने की सलाह या दवा आदि डॉक्टर देता है। कहने का तात्पर्य यह है कि समय रहते यदि सही guide-line मिल जाए तो नुकसान को कम किया जा सकता है और फायदे को बढ़ाया जा सकता है। ऎसा सिर्फ स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि हम कुछ और क्षेत्रों के लिए भी करते हैं जैसे निवेश से पहले financial consultant से मिलते हैं, tax करने से पहले, tax expert की सलाह लेते हैं। एक ऎसा expert भी है जो एक साथ सभी विषयों पर आपको ऎसे guidelines दे सकता है जो आपके जीवन में खुशियाँ, समृद्धि और spirituality ला सकता है। ऎसा expert है 'Astrology Expert' ज्योतिषी जन्मपत्रिका में चल रही दशा के आधार पर आपको जो सलाह देता है उसे आप अपनी व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक गतिविधियों का आधार बना सकते हैं। जीवन के कुछ ऎसे महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा करते हैं जहां ज्योतिषी की सलाह बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है।
विवाह
नियमों के अनुसार विवाह से पहले ल़डके एवं ल़डकी की कुण्डली मिलाई जानी चाहिए। आजकल modernity के नाम पर कई लोग इसका विरोध करते हैं और तर्क देते हैं कि अन्य धर्मो में भी तो बिना कुण्डली मिलाए ही शादी होती है। पहली बात तो यह कि विवाह का जितना महत्व हमारे लिए है उतना अन्य कहीं नहीं है। जितनी सफल शादियाँ हमारे यहां होती हैं उतनी अन्य कहीं नहीं। जन्मपत्रिका मिलान में जिन बिन्दुओं पर गौर किया जाता है वे हैं:
1. कार्यक्षमाता। 2. प्रधानता।
3. भाग्य। 4. मानसिकता।
5. सामंजस्य। 6. प्रकृति।
7. प्रेम। 8. स्वास्थ्य।
9. मंगल दोष।
यह अत्यंत वैज्ञानिक सोच है। कुछ कुतर्क ऎसे भी दिए जाते हैं कि फलां के 30 गुण मिले थे फिर भी विवाह नहीं चला तो इसका जवाब यही है कि विज्ञान गलत नहीं होता, वैज्ञानिक गलत हो सकता है। एक योग्य ज्योतिषी से मिलाई हुई कुण्डली सफल वैवाहिक जीवन की आधारशिला रख सकती है।
Pregnancy
मेरे विचार से संतान का जन्म जीवन की सबसे खूबसूरत और अहम घटना है। इसमें ज्योतिष कैसे मदद कर सकती हैक् यह चर्चा करने से पहले कुछ बताना जरूरी है। मेरे गुरू श्री सतीश शर्मा जी से एक दंपत्ति मिले। जहां महिला का गर्भ के लगभग पांचवे महीने में रक्तचाप इतना अधिक बढ़ जाता था कि संतान को बचाया नहीं जा पाता था और उनके साथ ऎसा दो-तीन बार हो चुका था। पिछली दशाओं के analysis से ज्ञान हुआ कि हर बार सूर्य की दशा में ही उनका रक्तचाप बढ़ा। गुरूजी की guideline में उनके अगले गर्भकाल में सूर्य की दशा के period में सूर्य के जाप कराए गए। उस अवधि में उनका रक्तचाप बढ़ा, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, उस अजन्मे बच्चो के लिए महामृत्युजंय जप का संकल्प लिया गया। सूर्य के पाठ बढ़ा दिए गए। परम पिता की असीम कृपा से वह कठिन ƒ़ाडी निकल गई और उनका पुत्र आज एकदम स्वस्थ है जिसे मैं 'Astro Baby' ज्पुकारती हँू। महत्वपूर्ण बात यह रही कि उन्होंने अगली बार बिना जन्मपत्रिका के विश्लेषण के गर्भ धारण किया, चौथे महीने में सूर्य की लंबी अन्तर्दशा आई और फिर वही घटना घटी। यदि वह ज्योतिष सलाह लेतीं तो उन्हें गर्भाधान का समय सूर्य की अन्तर्दशा के बाद दिया जाता और सूर्य की छोटी दशाओं को सूर्य के जाप से पार किया जाता। डॉक्टर इस बात का कोई ठोस कारण नहीं बता सके कि उनके साथ ऎसा बार-बार क्यों होता है और जब कारण का पता हो तो निवारण भी नहीं किया जा सकता।
मेडिकल साइंस ने बहुत तरक्की की है और आज संतानहीन दंपतियों के पास Test Tube Baby जैसे विकल्प हैं। इस प्रक्रिया में धन और समय दोनों लगते हैं। ज्योतिषी पति-पत्नी की जन्मपत्रिका के विश्लेषण से वह अवधि निकाल सकता है जब सफलता का प्रतिशत सर्वाधिक हो। ज्योतिष और आधुनिक विज्ञान एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं विरोधी नहीं।
निवेश या नया व्यवसाय
ज्यादातर लोग निवेश से पहले financial experts की सलाह लेते हैं। एक प्रश्न ख़डा होता है कि ये सभी experts विश्वव्यापी मंदी को कैसे नहीं भांप पाए जबकि हमने ज्योतिष मंथन में आने वाली मंदी का हवाला दिया था और यह भी टिप्पणी की गई थी कि यह मंदी कब खत्म होेगीक् मेरा उद्देश्य किसी की expertise पर प्रश्न-चिन्ह उठाना नहीं है बल्कि सिर्फ इतना कहना है कि ज्योतिषी सलाह से किसी भी अन्य विशेषज्ञ की सलाह का अधिकतम फायदा उठाया जा सकता है। उदाहरण के लिए financial expert ने सलाह दी कि अभी जमीन या shares मे invest करने से लाभ होगा परंतु यदि जन्मपत्रिका में जमीन के कारक मंगल कमजोर हैं या जमीन-जायदाद को दर्शाने वाले चौथे भाव और उसके स्वामी कमजोर हैं तो जमीन से लाभ नहीं होगा अत: आपको दूसरे विकल्प पर जाना चाहिए।
आप नया व्यवसाय डाल रहे हैं या विस्तार कर रहे हैं तो ज्योतिषी की सलाह बहुत लाभदायक हो सकती है। मुश्किल दशाओं में जोखिम लेने से बचना चाहिए और अच्छी दशाओं में आप अपने पत्ते खुलकर खेल सकते हैं। इन दशाओं का निर्धारण आप योग्य ज्योतिषी से करा सकते हैं। प्रयासों और मेहनत को जब किस्मत का सहारा मिलता है तभी इतिहास रचा जा सकता है।
Corporate Astrology
व्यावसायिक संस्थान यदि ज्योतिष की guidelines पर चलें तो सिर्फ फायदों को कई गुणा बढ़ाया जा सकता है बल्कि कई समस्याओं को कुछ हद तक कम करके कार्यक्षमता को बढ़ाया जा सकता है। संस्था के उच्चा पदाधिकारियों का चयन संस्था की कुण्डली के आधार पर किया जाए तो वे संस्था को अधिक फायदा दे सकते हैं। महत्वपूर्ण निर्णय लेने में या महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने में मुहूर्त का प्रयोग किया जाए तो कार्य की सफलता का प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है। वास्तु प्रयोग से turnover को अप्रत्याशित आंक़डों तक पहुंचाया जा सकता है। आजकल कॉरपोरेट जगत की मुख्य समस्या retention की है। यदि मुख्य पदाधिकारियों का चयन करते वक्त ज्योतिष से यह देखा जाए कि वे कितने समय तक उस संस्था के साथ कार्य करेंगे तो स्थायित्व को बढ़ाया जा सकता है। ऎसे बहुत से विषय हैं जिनमें ज्योतिष और अन्य विधाओं का प्रयोग करके आशा से अधिक परिणाम लाये जा सकते हैं।
Family Astrologer
शायद सुनने में अजीब लग रहा हो परंतु ऎसा होना चाहिए। जितने जतन से आप अपना family doctor तय करते हैं उतने ही जतन से आपको अपना family astrologer भी ढूंढना चाहिए। हम किसी भी expert से सलाह लेने से पहले यह देखते हैं कि उसने कहां से पढ़ाई की है, उसकी पृष्ठभूमि क्या है, कितने सफल case उसके खाते में हैं, क्या किसी नामी संस्था से उसे register या recommend किया हैक् इत्यादि अपना ज्योतिषी चुनने से पहले भी यही करना चाहिए।
ऎसी एक संस्था Indian Council of Astrological Sciences 1984 से काम कर रही है। इस संस्था के उच्चा पदाधिकारी समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से हैं जिसकी समाज में साख है। आप अपने family astrologer को खोजने में ऎसी संस्थाओं की मदद ले सकते हैं।

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