1. इस समय भारत राहु अन्तर्दशा में चल रहा है जो कि सितम्बर 2011 तक है। राहु स्वयं भी कृत्तिका नक्षत्र में स्थित हैं जो कि सूर्य का नक्षत्र है। इस अन्तर्दशा में शासक गणों में भारी गतिरोध, वैमनस्य, प्रतिहिंसा और संदेह का वातावरण रहेगा। शासक वर्ग से जुड़े मंत्री और अधिकारियों की बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां और कानूनी कार्यवाहियां होंगी। सूर्य स्वयं आश्लेषा नक्षत्र के हैं और वर्ष के प्रारंभ में ही अस्तंगत मंगल मिथुन राशि में होने के कारण आर्थिक घोटालों में लिप्त शासक वर्ग के बहुत सारे लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही संभावित है। सरकार कितना ही बचाने की कोशिश कर लें, कानून अपना काम करेगा।
2. शनि के वक्री होते ही अर्थात् 29 जनवरी के बाद प्रमुख घोटालों के आरोपी कानूनी कार्यवाहियों के शिकार होने लगेंगे, इस बारे में रोज नया समाचार सुनने को मिलेगा। किसी बड़े अधिकारी या नेता की आत्महत्या या कोई अन्य दुर्घटना संभावित है।
2G घोटाले के मुख्य आरोपी दूरसंचार मंत्री राजा और उनके सहयोगियों पर सीबीआई ने शिकंजा कँसा और उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया। इसी तरह करुणानिधि की सुपुत्री कन्नीमोझी को भी तिहाड़ जेल का सफर तय करना पड़ा। कॉमनवैल खेलों के मुख्य आरोपी सुरेश कलमाड़ी के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही करने को सरकार मजबूर हो गई। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री डोर्जी खाण्डू का हैलीकॉप्टर दुर्घटना में देहांत हो गया।
3. कर्क लग्न की श्रीमती सोनिया गांधी की कुण्डली में फरवरी से जून तक का समय विशेष है जब राहुल गांधी के द्वारा कही गई कुछ बातों की विशेष चर्चा होगी।
आपको याद होगा कि मायावती ने राहुल गांधी को गिरफ्तार करके देश में सनसनी सी फैला दी थी। किसानों के हित में राहुल गांधी की आवाज को मायावती ने कुचलने की कोशिश की। 19 जून यानि राहुल गांधी के जन्मदिन से यह चर्चा अचानक तेज हो गई कि क्या वही हैं भारत के अगले प्रधानमंत्री।
4. दूरसंचार घोटाले के मुख्य आरोपी राजा और नीरा राडिया सहित 10-12 अन्य व्यक्ति और व्यावसायिक घरानों के विरुद्ध सीबीआई अपनी पूरी कानूनी कार्यवाही करेगी। इनको बचाया जाना संभव नहीं है। कांग्रेस सरकार इनकी आसानी से बलि दे देगी।
घोटालों के मुख्य आरोपियों के खिलाफ सीबीआई चार्जशीट ला रही है। कोर्ट जमानत अर्जियाँ खारिज कर रही है और सरकार देख रही है। गठबंधन को खतरा होते हुए भी सरकार ने कुछ मुख्य नामों को बचाने में रुचि नहीं दिखाई और जैसा हमने कहा था कांग्रेस सरकार ने इनकी आसानी से बलि दे दी।
5. बृहस्पति प्रत्यन्तर 4 फरवरी तक है। भारत की कुण्डली में बृहस्पति सबसे कम षड्बल के हैं और अष्टमेश होकर छठे भाव में बैठे हैं। इस समय भयंकर राजनैतिक और आर्थिक गतिरोध रहेंगे और सरकार को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। केन्द्र सरकार का किया गया कोई भी उपाय जनता को विश्वास नहीं दिला पाएगा। इसी अवधि में शेयर मार्केट में भारी हलचल रहेगी, निवेशक सावधान रहें।
भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के अनशन ने जहाँ सरकार की नींद उड़ा दी, वहीं रामलीला मैदान में रामदेव और उनके आंदोलनकारियों पर की गई कार्यवाही से सरकार के खिलाफ जनता में आक्रोश पैदा हुआ। सरकार को अपना चेहरा बचाने के लिए सफाई देनी पड़ी।
2. शनि के वक्री होते ही अर्थात् 29 जनवरी के बाद प्रमुख घोटालों के आरोपी कानूनी कार्यवाहियों के शिकार होने लगेंगे, इस बारे में रोज नया समाचार सुनने को मिलेगा। किसी बड़े अधिकारी या नेता की आत्महत्या या कोई अन्य दुर्घटना संभावित है।
2G घोटाले के मुख्य आरोपी दूरसंचार मंत्री राजा और उनके सहयोगियों पर सीबीआई ने शिकंजा कँसा और उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया। इसी तरह करुणानिधि की सुपुत्री कन्नीमोझी को भी तिहाड़ जेल का सफर तय करना पड़ा। कॉमनवैल खेलों के मुख्य आरोपी सुरेश कलमाड़ी के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही करने को सरकार मजबूर हो गई। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री डोर्जी खाण्डू का हैलीकॉप्टर दुर्घटना में देहांत हो गया।
3. कर्क लग्न की श्रीमती सोनिया गांधी की कुण्डली में फरवरी से जून तक का समय विशेष है जब राहुल गांधी के द्वारा कही गई कुछ बातों की विशेष चर्चा होगी।
आपको याद होगा कि मायावती ने राहुल गांधी को गिरफ्तार करके देश में सनसनी सी फैला दी थी। किसानों के हित में राहुल गांधी की आवाज को मायावती ने कुचलने की कोशिश की। 19 जून यानि राहुल गांधी के जन्मदिन से यह चर्चा अचानक तेज हो गई कि क्या वही हैं भारत के अगले प्रधानमंत्री।
4. दूरसंचार घोटाले के मुख्य आरोपी राजा और नीरा राडिया सहित 10-12 अन्य व्यक्ति और व्यावसायिक घरानों के विरुद्ध सीबीआई अपनी पूरी कानूनी कार्यवाही करेगी। इनको बचाया जाना संभव नहीं है। कांग्रेस सरकार इनकी आसानी से बलि दे देगी।
घोटालों के मुख्य आरोपियों के खिलाफ सीबीआई चार्जशीट ला रही है। कोर्ट जमानत अर्जियाँ खारिज कर रही है और सरकार देख रही है। गठबंधन को खतरा होते हुए भी सरकार ने कुछ मुख्य नामों को बचाने में रुचि नहीं दिखाई और जैसा हमने कहा था कांग्रेस सरकार ने इनकी आसानी से बलि दे दी।
5. बृहस्पति प्रत्यन्तर 4 फरवरी तक है। भारत की कुण्डली में बृहस्पति सबसे कम षड्बल के हैं और अष्टमेश होकर छठे भाव में बैठे हैं। इस समय भयंकर राजनैतिक और आर्थिक गतिरोध रहेंगे और सरकार को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। केन्द्र सरकार का किया गया कोई भी उपाय जनता को विश्वास नहीं दिला पाएगा। इसी अवधि में शेयर मार्केट में भारी हलचल रहेगी, निवेशक सावधान रहें।
भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के अनशन ने जहाँ सरकार की नींद उड़ा दी, वहीं रामलीला मैदान में रामदेव और उनके आंदोलनकारियों पर की गई कार्यवाही से सरकार के खिलाफ जनता में आक्रोश पैदा हुआ। सरकार को अपना चेहरा बचाने के लिए सफाई देनी पड़ी।
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