इस महीने तीन ग्रहण पड़ रहे हैं, 2 सूर्यग्रहण व 1 चंद्रग्रहण। पहला सूर्यग्रहण 1 जून, 2011 को, दूसरा चंद्रग्रहण 15 जून, 2011 तथा तीसरा सूर्यग्रहण 1 जुलाई, 2011 को पड़ रहे हैं। आइए जानें आपकी राशि पर इन ग्रहणों के प्रभाव।
मेष : घर में कलह के आसार हैं। बिना किसी कारण के आपसी संबंध खराब होंगे। कुटुम्ब-परिवार की पुरानी बातें यदि चल रही हों तो वे समाप्त नहीं होंगी बल्कि और भ़डक जायेंगी। इस ग्रहण का असर करीब एक महीने तक रहेगा। आपको चाहिए कि ऎसी कोई बात इन दिनों नहीं करें जिसके कारण समस्याएँ उत्पन्न हों क्योंकि वे बाद में समाप्त होने का नाम ही नहीं लेंगी। इस महीने अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य भी प्रारंभ नहीं करें। यदि शक्तिशाली मुहूर्त हों, तभी करें अन्यथा आगे के लिए टाल दें। इन तीन ग्रहणों के खराब प्रभावों से बचने के लिए आप 1 जून, 15 जून व 1 जुलाई को ग्रहण के दर्शन नहीं करें। पुण्य काल में दान करें। ग्रहण के दिन हो सके तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें। ठीक ग्रहण काल में और थो़डा आगे-पीछे भोजन नहीं करें। सूर्य ग्रहण के आगे-पीछे प़डने वाली तारीखों में विवाह या वास्तु जैसे मुहूर्त को टाल दें। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
वृषभ : इन ग्रहणों का असर आपकी ही राशि पर प़डने वाला है अत: आप ऎसी गतिविधि नहीं करें जिसमें शरीर को कष्ट आने की संभावना है। ड्राईविंग करते समय लापरवाही नहीं बरतें। अत्यधिक थकान होने वाली दौ़ड-धूप से भी बचें। आपकी राशि को ग्रहण के फलस्वरूप कष्ट आ सकता है अत: महत्वपूर्ण बातों में आपको नरम रूख रखना चाहिए। किसी विवाद में उलझना नहीं चाहिए तथा न ही क्रोध करना चाहिए। आपकी राशि के ऊपर ही प़डने वाले ग्रहण व्यावसायिक संबंधों मे भी कुछ परेशानियाँ ला सकते हैं। भागीदारी के मामलों में आपको थो़डा सावधान रहना चाहिए। संतान से संबंधित यदि कोई चिन्ता या शिकायत हो तो आपको शांत स्वभाव से समस्या का समाधान करना चाहिए अन्यथा संतान का रूख नकारात्मक हो सकता है। इन तीन ग्रहणों के प़डने के समय आपको न तो ग्रहण के दर्शन करना चाहिए और न सूतक काल में भोजन करना चाहिए। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
मिथुन : ग्रहण के फल आपके लिए सामान्य ही रहेंगे और कोई विशेष नुकसान होने की संभावना नहीं है। यदि आप कोई दुस्साहस का कार्य करेंगे या जोखिम लेंगे तो कोई बात आपके विपरीत जा सकती है। सामान्य गति से जीवन यापन करने वाले लोगों को इन तीन ग्रहणों में कोई खास नुकसान नहीं होगा परन्तु यदि इस अवधि में कोई महत्वपूर्ण फैसला ले लिया तो वह आगे चलकर गलत सिद्ध हो सकता है। व्यावसायिक नुकसान हो सकते हैं या महत्वपूर्ण व्यक्तियों से संबंध खराब होंगे। इस तरह से तत्काल कोई हानि नहीं होकर, होने वाला नुकसान अगले तीन महीनों के अंदर होना संभव है। ग्रहण काल में आप न तो ग्रहण के दर्शन करें और न ही उस समय कोई भोजन इत्यादि करें। ग्रहण के पर्व काल में दान करना श्रेष्ठ माना गया है। यदि संभव हो तो आस-पास की किसी पवित्र नदी में या ब़डे तालाब में स्नान करें और फिर दान दें। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
कर्क : इन तीन ग्रहणों का असर आपकी राशि के लिए अच्छा नहीं रहेगा। यदि आज जहाँ रहते हैं, वहाँ ग्रहण के दर्शन हुए तो आपकी लोकप्रियता पर आँच आ सकती है या आपके ऊपर व्यर्थ के आक्षेप लग सकते हैं। माता से संबंधित चिन्ता रहेगी और भूमि संबंधी कोई विवाद उत्पन्न हो सकते हैं। यह भी संभव है कि वाहन से संबंधित कष्ट आ जाये। इन दिनों आपके कार्य की गति बहुत तेज रहेगी और तेज गति से काम करने के कारण कई निर्णय गलत हो जायेंगे और उनके असर काफी दिनों तक आते रहेंगे। अगले तीन महीनों में आपको अपने किसी किए गए कार्य के लिए पछताना प़ड सकता है। यदि दूर स्थित किसी शहर से व्यवसाय प्रारंभ होना हो तो अभी आपको स्थगित कर देना चाहिए। आपको इन दिनों ग्रहण के दर्शन भी नहीं करने चाहिएं और ग्रहण के समय संभव हो तो किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करके, दान देना चाहिए। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
सिंह : एक साथ तीन ग्रहण प़डने से इनके प्रभाव काफी अधिक समय तक रहेंगे। ग्रहण के फलस्वरूप आपको संतान संबंधी परेशानियाँ हो सकती हैं, उनका कोई समाधान भी नहीं आयेगा और अचानक कोई घटना घट सकती है। आपकी पद-प्रतिष्ठा पर भी आँच आना संभव है। यदि आपके घर में समूह परिवार है या पारिवारिक साझेदारी का व्यवसाय है तो कुछ गलतफहमियाँ परस्पर संबंध खराब कर देंगी। इससे बचने के लिए आपको इन दिनो कोई भी समझौता वार्ता या मान-मनोहार नहीं करनी चाहिए। यदि स्थानान्तरण का भय है तो आपको वास्तव में सावधान रहना चाहिए। इस समय संतान के मन में तरह-तरह के ख्याल आयेंगे। आपको किसी भी कमजोर निर्णय पर समर्थन नहीं करना चाहिए। यदि हो सके तो ग्रहण काल में आस-पास की पवित्र नदी में स्नान करें या तालाब में स्नान करें तथा बाद में दान दें। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
कन्या : आपकी राशि के लिए यह तीन ग्रहण लाभदायक सिद्ध होंगे। व्यावसायिक प्रतिस्पर्द्धा में आपकी विजय होगी और शत्रुओं को हानि होगी। यदि आप पहल करके कोई ब़डा व्यावसायिक निर्णय ले लें तो आप इसमें दूसरों की अपेक्षा अधिक सफल रहेंगे। शत्रुओं से वार्ताओं में एकदम से तेजी आयेगी और आपको विनम्र रहना ही होगा। यद्यपि आपको हानि के कोई आसार नहीं हैं परन्तु फिर भी लोक व्यवहार में अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए। यह तीन ग्रहण आपकी राशि के लिए भाग्यशाली नहीं हैं और तात्कालिक लाभ देने के बाद आगे चलकर नुकसान देने वाले हो जायेंगे। आपके लिए हुए प्रमुख निर्णय में गलतियाँ निकलेंगी तथा शत्रु और मित्र की पहचान क्षमता में कमी आयेगी। ग्रहण के तीन महीने बाद सबकुछ सामान्य हो जायेगा। आपको ग्रहण के समय में किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करना चाहिए और बाद में दान करना चाहिए। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
तुला : यह तीन ग्रहण आपके लिए बहुत शुभ फल देने वाले नहीं हैं। इन ग्रहणों के आस-पास के समय में आपके मन में धार्मिक भावनाओं में कमी आयेगी और लापरवाही का अंश बढ़ जायेगा। आप भ्रमित रहेंगे और अच्छे निर्णय लेने में आपको समस्याएँ आयेंगी। आपकी आजीविका के अवसरों में कमी आयेगी और आपकी आलोचनाएँ बढ़ेंगी। इस पूरे महीने आपको आलोचनाओं का जवाब बहुत विनम्रता से देना चाहिए और जानबूझकर कोई विवाद उत्पन्न नहीं करना चाहिए। पाचन तंत्र के विकार या पाइल्स जैसी समस्याओं में बढ़ोत्तरी होगी अत: आपको खान-पान संबंधी सावधानी बरतनी चाहिए। यह ग्रहण नहीं चाहते कि आप किसी नए काम का प्रारंभ इस समय करें। आपको व्यवसाय संबंधी ब़डे निर्णय भी इन दिनों नहीं लेने चाहिएं। जीवनसाथी के लिए यह समय कष्टप्रद है और उन्हें समस्याएँ रहेंगी। पर्व काल में किसी पवित्र नदी में स्नान करें और बाद में दान दें। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
वृश्चिक : आपकी राशि के लिए इन ग्रहणों के परिणाम शुभ नहीं रहेंगे। किसी महत्वपूर्ण भागीदारी पर कोई गंभीर असर आ सकता है या चलती हुई भागीदारी के काम में कोई बाधा उत्पन्न हो सकती है। आपके जीवनसाथी को भी स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्या रहेगी या कोई नई समस्या उत्पन्न हो सकती है। आपकी राशि के लिए इन ग्रहणों के परिणामस्वरूप दैनिक आय में बढ़ोत्तरी के संकेत हैं तथा कभी आय बहुत अधिक होगी, तो कभी बिल्कुल नहीं होगी। यदि कोई ब़डा व्यावसायिक निर्णय लेना हो तो इन दिनों आपको संकोच करना चाहिए तथा उस निर्णय को आगे के लिए स्थगित कर देना चाहिए। ग्रहण काल में प्रारंभ किए गए कार्य सफल नहीं होते हैं। जिन दिनों ग्रहण हो, आपको ग्रहण समय में बाहर निकलकर दर्शन नहीं करने चाहिएं तथा पर्व काल में किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करके दान करना चाहिए। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
धनु : आपकी राशि के लिए इन दिनों प़डने वाले तीन ग्रहण लाभदायक सिद्ध होंगे। आपके शत्रुओं का विनाश होगा, आप व्यावसायिक प्रतिस्पर्द्धा में विजयी रहेंगे और आपके व्यावसायिक प्रस्ताव दूसरों पर भारी प़डेंगे। यदि महत्वपूर्ण व्यावसायिक प्रस्ताव सामने हों तो इन दिनों कोई एग्रीमेन्ट नहीं करें और उसे आगे के लिए टाल दें। ग्रहणों के बीच में प़डने वाले समय में यदि आप कोई व्यावसायिक सौदे करेंगे तो तात्कालिक लाभ तो दिख सकता है परन्तु आगे चलकर वह हानि में बदल सकते हैं। इन दिनों आप थकाने वाले कई कार्य करेंगे और महत्वपूर्ण लोगों से संबंधों की उपेक्षा करेंगे। आपको पारिवारिक जीवन में अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए और संबंधों को बिग़डने से बचना चाहिए। स्त्री संबंधों में विशेष सावधानी बरतें। ग्रहणकाल के खराब प्रभावो से बचने के लिए आप पर्वकाल में आस-पास के किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करें और दान करें। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
मकर : इन दिनों प़डने वाले तीन ग्रहण आपकी संतान के लिए शुभ परिणाम नहीं देंगे। इस समय उनके परीक्षा परिणाम उतने अच्छे नहीं आयेंगे जितना कि उन्हें उम्मीद है। इस समय आपको किसी दण्डात्मक कार्यवाही से भी बचना चाहिए। किसी पहले से किए हुए निर्णय को बदलना प़ड सकता है। पद-प्रतिष्ठा खतरे में प़ड सकती है। आपके शत्रु आपके विरूद्ध भारी प़डेंगे और वह दुश्मनी भरे कार्य करते रहेंगे। आपके निकट संबंधों में किसी को शारीरिक कष्ट आ सकता है। आपके भाई या भाभी के लिए यह समय कठिन सिद्ध होगा। उन्हें भी ग्रहण के दर्शन नहीं करने चाहिएं। ग्रहणों के बीच में प़डने वाले समय में आपको संतान के रिश्ते-इत्यादि नहीं करने चाहिएं। ग्रहण के खराब प्रभावों से बचने के लिए आपको चाहिए कि पर्वकाल में किसी आस-पास की पवित्र नदी या तालाब में स्नान करें और दान दें। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
कुंभ : आपकी राशि के लिए इन दिनों पडऩे वाले तीन ग्रहण शुभ नहीं रहेंगे और आपकी लोकप्रियता में कमी आयेगी। लोग आपके विरुद्ध सिर उठायेंगे और आप पर व्यर्थ आक्षेप लगायेेंगे। भूमि संंबंधी किसी विवाद में आपको नीचा देखना पड़ सकता है। आपको किसी ऐसी बात के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सकता है जिसे आपने किया ही नहीं। माता के लिए यह समय बहुत कठिन है और इन दिनों यदि आपने भूमि, भवन या वाहन संबंधी कोई निर्णय किया तो उसके लिए बाद में पछताना पड़ेगा। यह समय आपकी संतान के लिए भी कठिन है और उन्हें शारीरिक कष्ट होने की भी संभावना है। यदि आपने ग्रहण संबंधी उपाय कर लिए तो इन दुष्प्रभावों से बच सकते हैं। जब ग्रहण चल रहा हो, उस समय आपको आस-पास की किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करना चाहिए और बाद में दान करना चाहिए। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण पड़ रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पीड़ा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
मेष : घर में कलह के आसार हैं। बिना किसी कारण के आपसी संबंध खराब होंगे। कुटुम्ब-परिवार की पुरानी बातें यदि चल रही हों तो वे समाप्त नहीं होंगी बल्कि और भ़डक जायेंगी। इस ग्रहण का असर करीब एक महीने तक रहेगा। आपको चाहिए कि ऎसी कोई बात इन दिनों नहीं करें जिसके कारण समस्याएँ उत्पन्न हों क्योंकि वे बाद में समाप्त होने का नाम ही नहीं लेंगी। इस महीने अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य भी प्रारंभ नहीं करें। यदि शक्तिशाली मुहूर्त हों, तभी करें अन्यथा आगे के लिए टाल दें। इन तीन ग्रहणों के खराब प्रभावों से बचने के लिए आप 1 जून, 15 जून व 1 जुलाई को ग्रहण के दर्शन नहीं करें। पुण्य काल में दान करें। ग्रहण के दिन हो सके तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें। ठीक ग्रहण काल में और थो़डा आगे-पीछे भोजन नहीं करें। सूर्य ग्रहण के आगे-पीछे प़डने वाली तारीखों में विवाह या वास्तु जैसे मुहूर्त को टाल दें। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
वृषभ : इन ग्रहणों का असर आपकी ही राशि पर प़डने वाला है अत: आप ऎसी गतिविधि नहीं करें जिसमें शरीर को कष्ट आने की संभावना है। ड्राईविंग करते समय लापरवाही नहीं बरतें। अत्यधिक थकान होने वाली दौ़ड-धूप से भी बचें। आपकी राशि को ग्रहण के फलस्वरूप कष्ट आ सकता है अत: महत्वपूर्ण बातों में आपको नरम रूख रखना चाहिए। किसी विवाद में उलझना नहीं चाहिए तथा न ही क्रोध करना चाहिए। आपकी राशि के ऊपर ही प़डने वाले ग्रहण व्यावसायिक संबंधों मे भी कुछ परेशानियाँ ला सकते हैं। भागीदारी के मामलों में आपको थो़डा सावधान रहना चाहिए। संतान से संबंधित यदि कोई चिन्ता या शिकायत हो तो आपको शांत स्वभाव से समस्या का समाधान करना चाहिए अन्यथा संतान का रूख नकारात्मक हो सकता है। इन तीन ग्रहणों के प़डने के समय आपको न तो ग्रहण के दर्शन करना चाहिए और न सूतक काल में भोजन करना चाहिए। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
मिथुन : ग्रहण के फल आपके लिए सामान्य ही रहेंगे और कोई विशेष नुकसान होने की संभावना नहीं है। यदि आप कोई दुस्साहस का कार्य करेंगे या जोखिम लेंगे तो कोई बात आपके विपरीत जा सकती है। सामान्य गति से जीवन यापन करने वाले लोगों को इन तीन ग्रहणों में कोई खास नुकसान नहीं होगा परन्तु यदि इस अवधि में कोई महत्वपूर्ण फैसला ले लिया तो वह आगे चलकर गलत सिद्ध हो सकता है। व्यावसायिक नुकसान हो सकते हैं या महत्वपूर्ण व्यक्तियों से संबंध खराब होंगे। इस तरह से तत्काल कोई हानि नहीं होकर, होने वाला नुकसान अगले तीन महीनों के अंदर होना संभव है। ग्रहण काल में आप न तो ग्रहण के दर्शन करें और न ही उस समय कोई भोजन इत्यादि करें। ग्रहण के पर्व काल में दान करना श्रेष्ठ माना गया है। यदि संभव हो तो आस-पास की किसी पवित्र नदी में या ब़डे तालाब में स्नान करें और फिर दान दें। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
कर्क : इन तीन ग्रहणों का असर आपकी राशि के लिए अच्छा नहीं रहेगा। यदि आज जहाँ रहते हैं, वहाँ ग्रहण के दर्शन हुए तो आपकी लोकप्रियता पर आँच आ सकती है या आपके ऊपर व्यर्थ के आक्षेप लग सकते हैं। माता से संबंधित चिन्ता रहेगी और भूमि संबंधी कोई विवाद उत्पन्न हो सकते हैं। यह भी संभव है कि वाहन से संबंधित कष्ट आ जाये। इन दिनों आपके कार्य की गति बहुत तेज रहेगी और तेज गति से काम करने के कारण कई निर्णय गलत हो जायेंगे और उनके असर काफी दिनों तक आते रहेंगे। अगले तीन महीनों में आपको अपने किसी किए गए कार्य के लिए पछताना प़ड सकता है। यदि दूर स्थित किसी शहर से व्यवसाय प्रारंभ होना हो तो अभी आपको स्थगित कर देना चाहिए। आपको इन दिनों ग्रहण के दर्शन भी नहीं करने चाहिएं और ग्रहण के समय संभव हो तो किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करके, दान देना चाहिए। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
सिंह : एक साथ तीन ग्रहण प़डने से इनके प्रभाव काफी अधिक समय तक रहेंगे। ग्रहण के फलस्वरूप आपको संतान संबंधी परेशानियाँ हो सकती हैं, उनका कोई समाधान भी नहीं आयेगा और अचानक कोई घटना घट सकती है। आपकी पद-प्रतिष्ठा पर भी आँच आना संभव है। यदि आपके घर में समूह परिवार है या पारिवारिक साझेदारी का व्यवसाय है तो कुछ गलतफहमियाँ परस्पर संबंध खराब कर देंगी। इससे बचने के लिए आपको इन दिनो कोई भी समझौता वार्ता या मान-मनोहार नहीं करनी चाहिए। यदि स्थानान्तरण का भय है तो आपको वास्तव में सावधान रहना चाहिए। इस समय संतान के मन में तरह-तरह के ख्याल आयेंगे। आपको किसी भी कमजोर निर्णय पर समर्थन नहीं करना चाहिए। यदि हो सके तो ग्रहण काल में आस-पास की पवित्र नदी में स्नान करें या तालाब में स्नान करें तथा बाद में दान दें। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
कन्या : आपकी राशि के लिए यह तीन ग्रहण लाभदायक सिद्ध होंगे। व्यावसायिक प्रतिस्पर्द्धा में आपकी विजय होगी और शत्रुओं को हानि होगी। यदि आप पहल करके कोई ब़डा व्यावसायिक निर्णय ले लें तो आप इसमें दूसरों की अपेक्षा अधिक सफल रहेंगे। शत्रुओं से वार्ताओं में एकदम से तेजी आयेगी और आपको विनम्र रहना ही होगा। यद्यपि आपको हानि के कोई आसार नहीं हैं परन्तु फिर भी लोक व्यवहार में अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए। यह तीन ग्रहण आपकी राशि के लिए भाग्यशाली नहीं हैं और तात्कालिक लाभ देने के बाद आगे चलकर नुकसान देने वाले हो जायेंगे। आपके लिए हुए प्रमुख निर्णय में गलतियाँ निकलेंगी तथा शत्रु और मित्र की पहचान क्षमता में कमी आयेगी। ग्रहण के तीन महीने बाद सबकुछ सामान्य हो जायेगा। आपको ग्रहण के समय में किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करना चाहिए और बाद में दान करना चाहिए। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
तुला : यह तीन ग्रहण आपके लिए बहुत शुभ फल देने वाले नहीं हैं। इन ग्रहणों के आस-पास के समय में आपके मन में धार्मिक भावनाओं में कमी आयेगी और लापरवाही का अंश बढ़ जायेगा। आप भ्रमित रहेंगे और अच्छे निर्णय लेने में आपको समस्याएँ आयेंगी। आपकी आजीविका के अवसरों में कमी आयेगी और आपकी आलोचनाएँ बढ़ेंगी। इस पूरे महीने आपको आलोचनाओं का जवाब बहुत विनम्रता से देना चाहिए और जानबूझकर कोई विवाद उत्पन्न नहीं करना चाहिए। पाचन तंत्र के विकार या पाइल्स जैसी समस्याओं में बढ़ोत्तरी होगी अत: आपको खान-पान संबंधी सावधानी बरतनी चाहिए। यह ग्रहण नहीं चाहते कि आप किसी नए काम का प्रारंभ इस समय करें। आपको व्यवसाय संबंधी ब़डे निर्णय भी इन दिनों नहीं लेने चाहिएं। जीवनसाथी के लिए यह समय कष्टप्रद है और उन्हें समस्याएँ रहेंगी। पर्व काल में किसी पवित्र नदी में स्नान करें और बाद में दान दें। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
वृश्चिक : आपकी राशि के लिए इन ग्रहणों के परिणाम शुभ नहीं रहेंगे। किसी महत्वपूर्ण भागीदारी पर कोई गंभीर असर आ सकता है या चलती हुई भागीदारी के काम में कोई बाधा उत्पन्न हो सकती है। आपके जीवनसाथी को भी स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्या रहेगी या कोई नई समस्या उत्पन्न हो सकती है। आपकी राशि के लिए इन ग्रहणों के परिणामस्वरूप दैनिक आय में बढ़ोत्तरी के संकेत हैं तथा कभी आय बहुत अधिक होगी, तो कभी बिल्कुल नहीं होगी। यदि कोई ब़डा व्यावसायिक निर्णय लेना हो तो इन दिनों आपको संकोच करना चाहिए तथा उस निर्णय को आगे के लिए स्थगित कर देना चाहिए। ग्रहण काल में प्रारंभ किए गए कार्य सफल नहीं होते हैं। जिन दिनों ग्रहण हो, आपको ग्रहण समय में बाहर निकलकर दर्शन नहीं करने चाहिएं तथा पर्व काल में किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करके दान करना चाहिए। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
धनु : आपकी राशि के लिए इन दिनों प़डने वाले तीन ग्रहण लाभदायक सिद्ध होंगे। आपके शत्रुओं का विनाश होगा, आप व्यावसायिक प्रतिस्पर्द्धा में विजयी रहेंगे और आपके व्यावसायिक प्रस्ताव दूसरों पर भारी प़डेंगे। यदि महत्वपूर्ण व्यावसायिक प्रस्ताव सामने हों तो इन दिनों कोई एग्रीमेन्ट नहीं करें और उसे आगे के लिए टाल दें। ग्रहणों के बीच में प़डने वाले समय में यदि आप कोई व्यावसायिक सौदे करेंगे तो तात्कालिक लाभ तो दिख सकता है परन्तु आगे चलकर वह हानि में बदल सकते हैं। इन दिनों आप थकाने वाले कई कार्य करेंगे और महत्वपूर्ण लोगों से संबंधों की उपेक्षा करेंगे। आपको पारिवारिक जीवन में अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए और संबंधों को बिग़डने से बचना चाहिए। स्त्री संबंधों में विशेष सावधानी बरतें। ग्रहणकाल के खराब प्रभावो से बचने के लिए आप पर्वकाल में आस-पास के किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करें और दान करें। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
मकर : इन दिनों प़डने वाले तीन ग्रहण आपकी संतान के लिए शुभ परिणाम नहीं देंगे। इस समय उनके परीक्षा परिणाम उतने अच्छे नहीं आयेंगे जितना कि उन्हें उम्मीद है। इस समय आपको किसी दण्डात्मक कार्यवाही से भी बचना चाहिए। किसी पहले से किए हुए निर्णय को बदलना प़ड सकता है। पद-प्रतिष्ठा खतरे में प़ड सकती है। आपके शत्रु आपके विरूद्ध भारी प़डेंगे और वह दुश्मनी भरे कार्य करते रहेंगे। आपके निकट संबंधों में किसी को शारीरिक कष्ट आ सकता है। आपके भाई या भाभी के लिए यह समय कठिन सिद्ध होगा। उन्हें भी ग्रहण के दर्शन नहीं करने चाहिएं। ग्रहणों के बीच में प़डने वाले समय में आपको संतान के रिश्ते-इत्यादि नहीं करने चाहिएं। ग्रहण के खराब प्रभावों से बचने के लिए आपको चाहिए कि पर्वकाल में किसी आस-पास की पवित्र नदी या तालाब में स्नान करें और दान दें। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण प़ड रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पी़डा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
कुंभ : आपकी राशि के लिए इन दिनों पडऩे वाले तीन ग्रहण शुभ नहीं रहेंगे और आपकी लोकप्रियता में कमी आयेगी। लोग आपके विरुद्ध सिर उठायेंगे और आप पर व्यर्थ आक्षेप लगायेेंगे। भूमि संंबंधी किसी विवाद में आपको नीचा देखना पड़ सकता है। आपको किसी ऐसी बात के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सकता है जिसे आपने किया ही नहीं। माता के लिए यह समय बहुत कठिन है और इन दिनों यदि आपने भूमि, भवन या वाहन संबंधी कोई निर्णय किया तो उसके लिए बाद में पछताना पड़ेगा। यह समय आपकी संतान के लिए भी कठिन है और उन्हें शारीरिक कष्ट होने की भी संभावना है। यदि आपने ग्रहण संबंधी उपाय कर लिए तो इन दुष्प्रभावों से बच सकते हैं। जब ग्रहण चल रहा हो, उस समय आपको आस-पास की किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करना चाहिए और बाद में दान करना चाहिए। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण पड़ रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पीड़ा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
मीन : इन दिनों पडऩे वाले तीन ग्रहण आपके लिए हानिकारक नहीं हैं बल्कि लाभ दे सकते हैं। किसी खास संबंध को लेकर उलझन में रहेंगे परन्तु किसी के विरुद्ध यदि कोई कार्यवाही करनी हो तो आप कठोर निर्णय ले सकते हैं। व्यवसाय के मामलों में आपके लिए गए निर्णय तात्कालिक लाभ दे सकते हैं। आपके द्वारा की गई कोई ऐसी कार्यवाही जोकि बदले की भावना से की गई हो, उसमें सफलता मिलेगी। दो ग्रहणों के बीच में किया गया कोई भी निर्णय आपको तुरंत ही बदलना पड़ सकता है या आपको उसकी प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी। इन दिनों आपको जीवन का कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय नहीं करना चाहिए तथा सगाई संबंधी बात को भी आगे के लिए टाल देना चाहिए। ठीक ग्रहण के दिन, ग्रहण काल में आपको चाहिए कि आस-पास की किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करें और दान करें। इससे ग्रहण का दुष्प्रभाव कम हो जायेगा। इन दिनों दो सूर्य ग्रहण और एक चन्द्र ग्रहण पड़ रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार राहु या केतु के दर्शन इन्हीं दिनों होते हैं और ठीक ग्रहण के समय यदि इनकी पूजा-पाठ की जाये तो पितृदोष, कालसर्पदोष, संतानहानि योग और अत्यधिक अपमान के मामलों में पीड़ा कम होती है और शांति प्राप्त होती है। इनके दान से संबंधित वस्त्र, अनाज, धातुएँ, गाय व भोजन सामग्री के दान राहु व केतु से संबंधित कष्ट कम कर देते हैं।
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