Sunday, September 2, 2012

तुला के शनि के परिणाम- Part 1


मेष : राशि से सातवें शनि आपके लिए नए व्यावसायिक प्रस्ताव लेकर आएंगे और व्यक्तिगत संबंधों में भी बढ़ोत्तरी होगी। यदि अविवाहित हैं तो विवाह के नए प्रस्ताव आयेंगे और कई व्यावसायिक संधियां भी देखने को मिलेंगी। पद-प्रतिष्ठा में बढ़ोत्तरी होगी। इस अवधि में आप अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें, कई बार क्रोध के अतिरेक में आप कुछ ऐसा कर जाएंगे जो रिश्तों में कड़वाहट ला सकता है। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह समय महत्वपूर्ण है। नवंबर और दिसम्बर के माह की शुरुआत में पाचन संबंधी विकार हो सकते हैं या खानपान के दूषण से कठिनाई रहेगी। यदि आप नौकरीपेशा हैं तो पद-वृद्धि की संभावना अधिक है। राशि पर संचार कर रहे बृहस्पति, पंचम मंगल तथा शनि भी आपकी मदद करेंगे। ग्रहस्थिति आपके अनुकूल है और इसका लाभ आपको मिल सकता है। नौकरीपेशा लोगों के स्थानान्तरण की संभावना अधिक है। यदि आप व्यवसायी हैं तो बाहर के शहरों से नए संबंध बनेंगे और व्यापार की संभावना अधिक बढ़ जाएगी। वर्तमान स्थान से दूर यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। भूमि-भवन आदि में निवेश कर सकते हैं अथवा कोई Renovation का कार्य भी करा सकते हैं। आफिस बदलना भी इसी श्रेणी में आता है।
कुछ खर्चा घर की सुख-सुविधा बढ़ाने वाली वस्तुओं पर भी करेंगे। घर के बुजुर्गों की इच्छाओं का विशेष ध्यान रखें। वर्ष 2012 की गर्मियों के बाद आर्थिक समस्याएं कुछ कम होंगी और ऋण यदि कोई हैं तो उनके पुनर्भुगतान की स्थितियां बनेंगी। विरोधी पक्ष सक्रिय रहेगा परंतु आपका नुकसान कुछ नहीं होगा।
वृषभ : राशि से छठे शनि विरोधियों की सक्रियता को बढ़ाएंगे और आप भी उसी गति से उन पर प्रहार करेंगे। यद्यपि अंतिम विजय आपकी ही होगी परंतु फिर भी कुछ समय के लिए मानसिक परेशानी बनी रहेगी। यह अवधि पुराने ऋणों को चुकाकर नया ऋण लेने की है और भूमि और अचल संपत्ति में निवेश करने की संभावनाएं हैं। यदि नौकरीपेशा हैं तो जन्मस्थान के आसपास की यात्राएं अधिक होंगी और मनचाहे स्थान पर स्थानान्तरण की संभावनाएं भी अधिक प्रबल हैं। यदि विवाहित हैं तो जीवनसाथी का स्वास्थ्य प्रभावित होगा, साथ ही व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में कुछ आरोप आप पर लगेंगे जिनके निराकरण आपको करने ही होंगे। यदि अविवाहित हैं तो अपने संबंधों को संभाले रखने के लिए आपको अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। ऐसे कोई काम ना करें जो आपको शक के दायरे में ले आए।इस समय नई चीजें सीखने, ज्ञान पाने और रहस्यविद्याओं में रुचि बढ़ेगी, धार्मिक स्थलों की यात्रा होगी और धन भी परोपकारी कामों में खर्च होगा। भूमि संबंधी विवाद फरवरी 2012 के आसपास जन्म ले सकता है अत: भूमि संबंधी मामलों में सावधानी बरतनी आवश्यक है। मातृपक्ष से लाभ मिलेगा। पुराना वाहन बदलने की सोच सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की खरीद घर के लिए करेंगे। वर्ष 2012 के द्वितीयाद्र्ध में पद संबंधी विशेष बातें सामने आएंगी। यदि नौकरीपेशा है और बदलाव की सोचते हैं तो वह इस अवधि में संभव है। जीवनसाथी को लाभ होगा। यदि वे कार्यरत हैं तो उन्नति की संभावनाएं है और यदि कार्य व्यवसाय उनके नाम से है तो उसमें भी लाभ की संभावनाएं अधिक हैं।
मिथुन : पद संबंधी विशेष बातें सामने आएंगी, साथी का स्वास्थ्य प्रभावित होगा। कुटुंब संबंधी मामलों में विशेष हलचल देखने को मिलेगी और आपको उनको सुलझाने के लिए दखलदाजी करनी ही पड़ेगी। आय के नए स्त्रोत बनेंगे। छोटे भाई-बहिनों के लिए लाभदायक स्थिति है। विरोधियों के ऊपर आपका वर्चस्व बना रहेगा परंतु स्वास्थ का विशेष ध्यान रखना होगा। किसी छोटी-समस्या की भी अनदेखी ना करें। साथी के नाम से किए जाने वाले कामों में लाभ मिलेगा। जो लोग अविवाहित हैं उनके विवाह संबंधी बातें चलेंगी और गति बढ़ेगी। विवाहित लोगों के लिए समय शुभ रहेगा। यदि आपका व्यवसाय विदेशी मामलों से संबंध रखता है तो उसमें भी लाभ की मात्रा बढ़ेगी। यदि नौकरीपेशा हैं तो भी स्थान या नौकरी बदलने की सोच सकते हैं।
जून 2012 के द्वितीयाद्र्ध में आपको विशेष सावधानी बरतनी होगी। खासतौर से मई और जून के महीने में खर्च की अधिकता रहेगी और कुछ ऐसे खर्च होंगे जिन्हें आप नहीं चाहते हैं। यद्यपि आर्थिक लाभ भी बराबर बने रहेंगे परंतु फिर भी मानसिक परेशानी रहेगी। अचल संपत्ति का कोई मामला हल हो सकता है। 16 मई, 2012 से 04 अगस्त, 2012 के बीच आप पुन: शनि की ढैया के प्रभाव में रहेंगे अत: इस समय में आपको विशेष सावधानी रखनी होगी और शनिदेव को प्रसन्न करने के सभी उपाय करने होंगे।
कर्क : इस समय आप शनि की ढैया में प्रवेश कर रहे हैं तथा यह ढैया 15 नवम्बर, 2011 से 03 नवम्बर 2014 तक रहेगी। जब तक शनि तुला राशि मेें रहेंगे, यह ढैया चलेगी। इस समय एक तरफ आपको अपनी वाणी और क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा तो दूसरी तरफ भूमि संबंधी विशेष मामले आपका उत्साह बढ़ाएंगे। शत्रुओं की गतिविधियों को आप नियंत्रण में कर लेंगे। सार्वजनिक स्थल पर आपकी प्रशंसा होगी। जीवनसाथी से संबंधित मामलों में भी अच्छे परिणाम सामने आएंगे। यदि अविवाहित हैं तो कुछ नए प्रस्ताव आयेंगे। विवाहित व्यक्तियों को संंतान संबंधी कोई समस्या हो सकती है परंतु बृहस्पतिदेव अनुकूल हैं और आगे लाभ दे देंंगे जिसकी वजह से कोई बड़ी परेशानी सामने नहीं आएगी।
वर्ष 2012 के द्वितीयाद्र्ध में विशेष रूप से जून के महीने में आय बढ़ेगी, छोटे भाई-बहिनों को फायदा होगा और पद-उन्नति की संभावना है। व्यावसायिक भागीदारी बढ़ सकती है अथवा कोई नया प्रस्ताव सामने आ सकता है। द्वितीयाद्र्ध में मई से अगस्त तक लगभग संतान की किसी ना किसी बात से परेशान रहेंगे परंतु अगस्त के बाद समस्याएं हल हो जाएंगी।
सिंह : इस समय आप साढ़ेसाती के प्रभाव से मुक्त हो गए है तथा पिछले समय से चल रही परेशानियां अब कुछ कम हो जाएंगी। शनि अपनी उच्च राशि में हैं और आपको कोई बड़ा निर्णय लेने का साहस देंगे। आप कोई ऐसा व्यावसायिक निर्णय ले सकते हैं या बदलाव की सोच सकते हैं जो भविष्य के लिए लाभ सुरक्षित कर रहा हो। भाग्य में वृद्धि होगी परंतु आपको इस अवधि में अपने क्रोध पर थोड़ा नियंत्रण रखना होगा। खाने-पीने की ओर भी विशेष ध्यान देना होगा। भूमि संबंधी कोई निवेश यदि करते हैं तो सावधानी बरतनी होगी। कानूनी दस्तावेजों की जांच आवश्यक रूप से कर लेें।
16 मई, 2012 से 04 अगस्त, 2012 के बीच एक दौर साढ़ेसाती का रहेगा। इस समय में आपको विशेष सावधानी रखनी है और शनिदेव को प्रसन्न करने के सभी उपाय करने होंगे।
कन्या : इस समय आप साढ़ेसाती के दूसरे चरण में प्रवेश कर रहे हैं तथा इसके प्रभाव में आप 03 नवंबर 2014 तक रहेंगे। पारिवारिक संबंधों में बढ़ोत्तरी होगी और परिवार में कुछ अच्छे कार्य भी होंगे। ज्ञान प्राप्ति में रुचि बढ़ेगी और रहस्यविद्याओं की तरफ आपका ध्यान ज्यादा होगा। आर्थिक लाभ बढ़ेगा लेकिन खर्च भी उसी अनुपात में हो जाएगा। किसी अचल संपत्ति का निस्तारण यदि करना चाहते हैं तो इस समय आप कर सकते हैं। जन्मस्थान से दूर यात्राएं होंगी और कोई बड़ा निर्णय आप ले सकते हैं। बड़े भाई-बहिनों के लिए थोड़ी परेशानी हो सकती है और उनके कामों में कोई बाधा आ सकती है। अविवाहित लोगों के विवाह संबंध की बात चल सकती है। यदि विवाहित हैं तो जीवनसाथी के स्वभाव में थोड़ी गर्मी रहेगी आपको धीरज का परिचय देना होगा।
वर्ष के द्वितीयाद्र्ध में भाग्य में बढ़ोत्तरी होगी और बृहस्पति देव आपकी मदद करेंगे। यदि नौकरीपेशा हैं तो लाभ अधिक मिलेगा। छोटे भाई-बहिनों के लिए भी समय शुभ है। 

Naadi Astrology- Sri. A.V. Sundaram

1.    In Nadi system we stick to the Karkatwa of a planet.
2.    5th house shows last birth and 9th house shows good karmas of the last birth.
3.    When a prashna chart is cast based on a basic number up to 108 or time of query, lagna shows the querent and the  
       9th house shows the astrologer. If the lord of 9th is in debilitation or otherwise weak, astrologer should not give 
       prediction.
4.    Planet Jupiter signifies male and Venus female.
5.    Planet Venus signifies wife and Mars husband.
6.    A planet in 2nd to Jupiter means the native has younger siblings.
7.    Planets in both sides of Jupiter mean that he has both elder and younger siblings.
8.    Mars in Leo shows loss of brother suddenly.
9.    5th lord in 10 means highly placed popular native.
10.    Link between 5th and 7th lord means either marital life is not good or children are affected.
11.    No planet in 7th house- one on his own (not dependent on anyone).
12.    No planet in 7th to lagna lord- one is on his own.
13.    For any bhava, its kendras must have planets to fortify it.
14.    From Rahu see which planet is posited next to him or behind him (Rahu is retrograde so a planet behind him shall 
          be next to him and can be taken as entering its mouth). The native is likely to lose the relative signified by that planet. 
          Jupiter immediately behind Rahu means either the native is the eldest child in family and if it is not so, he is likely to 
          suffer from his child. Child may leave him and live separately.
15.    Wherever Mars is posited that bhava suffers.
16.    Mercury in trines to Mars- the husband shall have another relationship.
17.    A planet in exaltation with no planet flanking it, it loses much of its power to do well.
18.    Saturn having no planet on either side or in trines to it- no fixed profession.
19.    Saturn with Jupiter in 7th-work in a big organization.
20.    Mars in a female chart behind Venus- husband is after wife, i.e. husband is attached to her. He has more sexual 
          interest.